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उत्तर भारत में कड़ाके की ठंड, हिमाचल में बर्फबारी तो दिल्ली-हरियाणा में बारिश का अलर्ट

उत्तर भारत में कड़ाके की ठंड, हिमाचल में बर्फबारी तो दिल्ली-हरियाणा में बारिश का अलर्ट

नई दिल्ली: क्रिसमस से पहले उत्तर भारत में कड़ाके की ठंड का आगाज हो गया। पहाड़ी क्षेत्रों में जमाने वाली ठंड तो मैदानों में शीतलहर जोर पकड़ रही है। तापमान में गिरावट के चलते अलाव की गर्माहट बढ़ गई है। अगले कुछ दिनों में मौसम के और सर्द होने का अनुमान है। हिमाचल में बर्फबारी तो पश्चिमी विक्षोभ के चलते दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, चंडीगढ़ और राजस्थान में कुछेक जगहों पर आज बारिश की संभावना जताई गई है।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के आंकड़ों के अनुसार, रविवार सुबह 8:30 बजे दिल्ली के सफदरजंग और पालम क्षेत्रों में न्यूनतम तापमान क्रमश: 7.3 और 8.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। राष्ट्रीय राजधानी की सर्द सुबह कई जगह कोहरे में लिपटी नजर आई। मौसम विभाग के अनुसार 27 से 31 दिसंबर तक पश्चिमी विक्षेभ का असर रहेगा। इस दौरान ऊंचे क्षेत्रों में हिमपात व निचले क्षेत्रों में वर्षा हो सकती है। उत्तराखंड के ऊंचे पर्वतीय इलाकों में ठंड का असर देखा जा रहा है। मौसम शुष्क होने के बाद भी रात के समय तापमान लगातार गिर रहा है।
राजस्थान के कई हिस्सों में रविवार को शीतलहर की स्थिति बनी रही। मौसम विभाग के मुताबिक, करौली में सबसे कम न्यूनतम तापमान 4.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। राज्य में मौसम मुख्य रूप से शुष्क रहा और कुछ स्थानों पर कोहरा छाया रहा। संगरिया में न्यूनतम तापमान 5.3 डिग्री सेल्सियस, फतेहपुर में 5.4 डिग्री, चूरू और अलवर में 6.6 डिग्री, श्रीगंगानगर में 7 डिग्री सेल्सियस और धौलपुर में 7.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। राजस्थान में कई अन्य स्थानों पर न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस से नीचे रहा।
पंजाब-हरियाणा में भी शीतलहर के कारण तापमान में गिरावट दर्ज हुई। चंडीगढ़ में तापमान 0.8 डिग्री रिकॉर्ड किया गया। वहीं, पंजाब के आदमपुर इलाके में पारा 1.8 डिग्री दर्ज किया गया। पंजाब में घना कोहरा देखने को मिला। अमृतसर, तरनतारन, बठिंडा, लुधियाना और बरनाला में विजिबिलिटी 100 मीटर दर्ज की गई। कश्मीर में भीषण शीतलहर से कुछ राहत जरूर मिली है, लेकिन घाटी में रविवार को तापमान शून्य से नीचे बना रहा। अधिकारियों ने बताया कि अत्यधिक ठंड के कारण जल आपूर्ति लाइनें जम गईं। कई जलाशयों की सतह पर बर्फ की पतली परतें जम गईं। श्रीनगर में शनिवार रात न्यूनतम तापमान माइनस 4.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो पिछली रात की तुलना में करीब चार डिग्री अधिक है।कश्मीर के प्रवेशद्वार काजीगुंड में न्यूनतम तापमान शून्य से 5.2 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया, जबकि पंपोर क्षेत्र का एक छोटा सा गांव कोनीबल शून्य से 6.5 डिग्री नीचे तापमान के साथ घाटी का सबसे ठंडा स्थान रहा।
दक्षिण कश्मीर के पहलगाम में न्यूनतम तापमान शून्य से 4.9 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया। पहलगाम वार्षिक अमरनाथ यात्रा के लिए आधार शिविर है। उत्तरी कश्मीर में स्कीइंग गतिविधियों के लिए प्रसिद्ध पर्यटक स्थल गुलमर्ग में न्यूनतम तापमान माइनस 4.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। देश के अधिकतर हिस्सों में सुबह पाला पड़ने से सूखी ठंड का प्रकोप और बढ़ गया है। उत्तर पश्चिम भारत बड़े हिस्से में इससे अलसी, मसूर, अरहर, चना, आलू, सरसों और बटरी जैसी फसलों पर असर पड़ रहा है। यह स्थिति लंबे समय तक रहेगी, तो किसानों को नुकसान उठाना पड़ सकता है। इसी तरह, पूर्वोत्तर में गेहूं,, जौ, मटर, चना और सरसों मुख्य रबी की फसलें हैं। पाला पड़ने से मटर व चने पर प्रभाव पड़ सकता है। पाले से पौधों की पत्तियां और फूल झुलसने लगते हैं। हालांकि कई फसलों के लिए ठंड और शीतलहर फायदेमंद भी साबित होती है। गेहूं व सरसों के लिए ठंडा मौसम बेहतर होता है, लेकिन पाले की स्थिति सरसों को प्रभावित करती है। गेहूं के लिए जितनी ठंड बढ़े, उतना ही अच्छा रहेगा।

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