नई दिल्ली: एम्स में जल्द ही तारीख पर तारीख का खेल खत्म होगा। लोग अब पेशेंट केयर डेशबोर्ड को देखकर सर्जरी, बिस्तर आवंटन, लैब जांच सहित दूसरी सुविधाओं के लिए तारीख का आकलन लगा सकेंगे। एम्स में सर्जरी सहित अन्य सुविधाओं के लिए मरीजों को बार-बार आने को कहा जाता है। कई विभागों में सर्जरी के लिए दो से तीन साल का इंतजार करना पड़ता है। ऐसे में मरीज तारीख लेने के लिए चक्कर लगाते रहते हैं।
मरीजों की इन्हीं समस्याओं को दूर करने के लिए एम्स निदेशक डॉ. एम श्रीनिवास ने पेशेंट केयर डेशबोर्ड पर वार्ड आवंटन, डे केयर सेवाएं, शल्य चिकित्सा, विशिष्ट जांच सहित लैब जांच, विकिरण विज्ञान और नाभिकीय चिकित्सा सहित इमेजिग मोडेलिटीज, चिकित्सीय सेवाएं (एलआईएनएसी ब्रैकीथेरेपी सहित अन्य) की जानकारी अपलोड करने का आदेश दिया है।
पेशेंट केयर डेशबोर्ड पर जानकारी अपलोड होने पर मरीज अनुमान लगा सकता है कि उसे कितने दिन बाद बिस्तर या सर्जरी की सुविधा मिल सकेगी। मरीज उक्त जानकारी के आधार पर इंतजार कर सकेगा। मौजूदा समय में जानकारी न होने के कारण मरीज अस्पताल के चक्कर लगाते रहते हैं। बता दें कि एम्स में रोजाना 10 से 15 हजार मरीज ओपीडी में इलाज करवाने आते हैं। इनमें से करीब एक हजार से अधिक मरीजों को हर दिन भर्ती किया जाता है। वहीं, एक हजार मरीज रोजाना डिस्चार्ज भी होते हैं। इसके अलावा रोजाना सैकड़ों सर्जरी होती हैं। एम्स के पेशेंट केयर डेशबोर्ड (info.aiims.edu) पर आपातकालीन सुविधाएं मिल रही हैं। खबर लिखे जाने तक एम्स के मुख्य परिसर में आपातकालीन 82 बिस्तरों में से केवल 7 खाली थे, जबकि 129 मरीज लाइन में थे। वहीं, एम्स ट्रामा सेंटर के 156 में से केवल 11 बिस्तर ही खाली थे, जबकि 45 मरीज बिस्तर के इंतजार लाइन में थे। इसके अलावा डेशबोर्ड पर विश्राम सदन और ई-अस्पताल की जानकारी भी मिल रही है।एम्स में दिल सहित दूसरी सर्जरी के लिए मरीज एक से तीन साल तक का इंतजार करना पड़ रहा है। मरीजों की माने तो कई बार मरीज को सर्जरी के दिन ही वापस कर दिया जाता है। जबकि डॉक्टरों का कहना है कि एम्स में मरीजों का दबाव ज्यादा होने के कारण लंबी तारीख मिल रही है। इसी तरह एमआरआई सहित दूसरी जांच के लिए भी लंबा इंतजार करना पड़ता है। एम्स के कान, नाक, गला विभाग में सर्जरी करवाने आए मरीज ने बताया कि उन्हें तारीख नहीं मिल रही। डॉक्टरों ने पर्ची पर लिखकर दे दिया है कि एम्स में मरीजों का काफी दबाव है। ऐसे में मरीज दूसरे किसी भी अस्पताल में जाकर सर्जरी करवा सकते हैं। एम्स प्रशासन का कहना है कि डेशबोर्ड अपडेट होने से रोगी सेवाओं में पारदर्शिता आएगी। साथ ही, अस्पताल प्रशासन उचित कदम उठाकर एम्स के लंबे इंतजार को कम करने की दिशा में काम भी कर सकेगा। डॉक्टरों का कहना है कि एम्स निदेशक के आदेश के तहत जांच की सुविधाओं को बेहतर बनाने के बाद मरीजों का इंतजार काफी कम हुआ है। इस सुविधा के बाद सर्जरी सहित दूसरी सुविधाओं में सुधार की उम्मीद है।