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गणेश चतुर्थी 2024: गणेश उत्सव के दूसरे दिन क्या करें, जानें इस दिन के अचूक और पूजा उत्सव के उपाय

भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी सेठोत्सव की शुरुआत हो चुकी है। 07 सितंबर से गणेश उत्सव शुरू हो गया है जो 17 सितंबर को चलेंगे। इस बार 10 की जगह 11 दिव्य गणेश उत्सव मनाया जाएगा। पहले दिन के बारे में जानें कि दूसरा दिन यानी 8 सितंबर 2024 रविवार के दिन भगवान श्री गणेश जी की पूजा के साथ शुभ उत्सव मनाया जाता है और इस दिन ऐसे कौन से उपाय करें कि जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आए।

8 सितंबर 2024 रविवार को गणेश पूजा के शुभ आह्वान:

प्रात: पूजा महोत्सव: प्रातकाल 05:15 से 06:25 तक।

अभिजीत गोस्वामी : दोपहर 12:11 से 01:01 बजे तक।

गोधूलि महोत्सव : शाम 06:47 से 07:10 के बीच।

संध्या पूजा महोत्सव : शाम 06:47 से रात्रि 07:57 के बीच।

गणेश उत्सव के दूसरे दिन के उपाय:

– चौबारा पर लाल चंदन या हरि चंदन का सामान।

– सूर्य को अर्घ्य दें।

– लाल कपड़े में गुड़ और बर्तन का सामान दान करें।

– मिट्टी का लाल बंदर का हाथ जो खुला हो घर में स्थापित करें।

पर्यावरण अनुकूल गणेश

1. शास्त्रों में भगवान श्रीगणेश के अभिषेक का विधान बताया गया है। गणेश चतुर्थी पर उनका अभिषेक नहीं कर पाते हैं तो दूसरे दिन भगवान श्रीगणेश का अभिषेक करने से विशेष लाभ मिलता है। इस दिन आप शुद्ध पानी से श्रीगणेश का अभिषेक करें। साथ में गणपति अथर्व शीर्ष का पाठ भी करें। बाद में मावे के लड़कों का भोग समर्थकों में बाँट। मूर्ति धातु की दीक्षा के लिए अभिषेक करना चाहिए।

2. गणेश चतुर्थी पर प्रातः स्नान आदि करने के बाद किसी गणेश मंदिर में स्थित भगवान श्रीगणेश को 21 गुड़ की गोलियों के साथ दूर्वा के साथ चढ़ाएं। इस उपाय से भगवान आपका हर मन पूर्ण कर सकते हैं।

3. गणेश चतुर्थी पर पीले रंग की गणेश प्रतिमा अपने घर में स्थापित कर पूजा करें। पूजन में श्रीगणेश जी की हल्दी की पांच गठान श्री गणाधिपतये नम: मंत्र का उच्चारण करते हैं। इसके बाद 108 दूर्वा पर मित्र हल्दी लगाकर श्री गजवकत्रम् नमो नम: का जाप करें। इस उपाय से लगातार 10 दिन तक प्रमोशन होने की संभावना बढ़ सकती है।

4. दूर्वा (एक प्रकार की घास) के गणेश जी की पूजा करें। मोदक, गुड़, फल, मावा-मिष्ठान आदि अर्पण करें। ऐसा करने से भगवान गणेश सभी के मन को प्रसन्न करते हैं।

5. गणेश चतुर्थी उत्सव के दौरान किसी भी गणेश मंदिर में। और दर्शन के बाद अपनी इच्छानुसार गरीबों को दान करें। वस्त्र, भोजन, फल, अनाज आदि दान कर सकते हैं। दान के बाद दक्षिणा यानि कुछ रुपए भी। दान से पुण्य की प्राप्ति होती है और भगवान श्रीगणेश भी अपने भक्तों पर प्रसन्न होते हैं।

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