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दिल्ली में 400 यूनिट के बाद भी शून्य आएगा बिजली बिल, सोलर पैनल लगाने पर एक माह में मिलेगी सब्सिडी

दिल्ली में 400 यूनिट के बाद भी शून्य आएगा बिजली बिल, सोलर पैनल लगाने पर एक माह में मिलेगी सब्सिडी

नई दिल्ली। ”दिल्ली सौर ऊर्जा नीति 2023” के अंतर्गत रूफटाप सोलर पैनल लगवाने वाले उपभोक्ताओं को एक माह के अंदर सब्सिडी की राशि दे दी जाएगी। मुख्यमंत्री आतिशी ने मंगलवार को ऊर्जा विभाग और बिजली वितरण कंपनियों के अधिकारियों के साथ इस नीति के क्रियान्वयन को लेकर समीक्षा बैठक की। उन्होंने उत्पादन आधारित प्रोत्साहन राशि (जीबीआई) और मुख्य सब्सिडी एक माह में देने का आदेश दिया। एक सप्ताह में सब्सिडी को लेकर दिशा निर्देश एक सप्ताह में जारी कर दिया जाएगा।
दिल्ली सौर ऊर्जा नीति 2023 इस वर्ष मार्च में अधिसूचित हुई थी। उसके बाद होने वाले लोकसभा चुनाव के कारण इसका क्रियान्वयन की प्रक्रिया धीमी रही है। दिल्ली सरकार पूरे देश में जीबीआई देने वाली अकेली सरकार है। इसके अंतर्गत प्रति यूनिट उत्पादन पर तो उपभोक्ताओं को जीबीआई मिलता है। इसे उनके बिजली बिल सब्सिडी में जोड़ दिया जाता है। यदि कोई उपभोक्ता खपत से अधिक बिजली उत्पादन करता है तो उसे एक सप्ताह में उसके बैंक अकाउंट में बिजली कंपनियां इससे जुड़ी सब्सिडी ट्रांसफर कर देगी।
मुख्यमंत्री ने कहा, दिल्ली को पूरे भारत में सौर ऊर्जा अपनाने के मामले में अग्रणी बनाने के सात गैर-सब्सिडी वाले आवासीय उपभोक्ताओं के बिजली बिलों को शून्य और औद्योगिक उपभोक्ताओं का बिजली का बिल 50 प्रतिशत तक कम करना इस नीति का लक्ष्य है। मार्च 2027 तक दिल्ली की कुल स्थापित सौर क्षमता को मौजूदा क्षमता 1500 मेगावाट से तीन गुना बढ़ाकर 4,500 मेगावाट करना है। इससे 2027 तक दिल्ली की बिजली खपत का लगभग 20 प्रतिशत सौर ऊर्जा से आएगा। दिल्ली में 200 यूनिट बिजली निश्शुल्क और 201 से 400 यूनिट तक बिजली खपत करने वालों का आधा बिल आता है। उपभोक्ता दो किलोवाट का रूफ टाप सोलर पैनल लगवाता है तो उसे लगाने में 90 हजार रुपये खर्च करने पड़ेंगे। इसके बाद उस उपभोक्ता का बिजली का बिल शून्य आने लगेगा और उसका हर महीने 1370 रुपये बचने लगेंगे। इसके अलावा, दिल्ली सरकार हर महीने 700 रुपये जीबीआई देगी। इससे चार वर्षो के अंदर 90 हजार रुपए का निवेश वसूल हो जाएगा। सोलर पैनल कम से कम 25 साल चलते हैं। प्रोत्साहन राशि पांच वर्षों तक मिलेगी।

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