नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने हरियाणा की पानी की जरूरतों को देखते हुए बड़ा फैसला लिया है। केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन की अध्यक्षता में शुक्रवार को हुई उच्च स्तरीय बैठक में सलाह दी गई कि भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (बीबीएमबी) का फैसला लागू किया जाए। इसके तहत अगले आठ दिनों तक भाखड़ा डैम से हरियाणा को 4,500 क्यूसेक अतिरिक्त पानी छोड़ा जाएगा। सरकारी प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक, बैठक में यह भी तय हुआ कि डैम भरने के दौरान पंजाब को भी जरूरत पड़ने पर अतिरिक्त पानी दिया जाएगा। इस बैठक में केंद्र सरकार के वरिष्ठ अधिकारी, पंजाब, हरियाणा और राजस्थान के प्रतिनिधि और बीबीएमबी के अफसर शामिल हुए।
इस बैठक का मकसद था हरियाणा और राजस्थान के कुछ इलाकों की पानी की तात्कालिक जरूरतों को पूरा करने के लिए अतिरिक्त पानी छोड़ने के फैसले को अमल में लाना। बीबीएमबी जल्द ही अपने बोर्ड की बैठक बुलाएगा, जिसमें पानी छोड़ने के तरीके और समय को लेकर रूपरेखा तैयार की जाएगी। भाखड़ा और पोंग डैम से पंजाब, हरियाणा और राजस्थान की पानी की जरूरतें पूरी होती हैं। बीबीएमबी हर साल 21 मई से अगले साल 21 मई तक के लिए इन राज्यों का पानी का कोटा तय करता है।
हालांकि, पंजाब और हरियाणा के बीच पानी को लेकर फिर से विवाद गहरा गया है। आम आदमी पार्टी (आप) शासित पंजाब ने बीजेपी शासित हरियाणा को ज्यादा पानी देने से इनकार कर दिया है। हरियाणा के विपक्षी नेताओं का आरोप है कि पंजाब ने भाखड़ा डैम से हरियाणा को पानी की सप्लाई 4,000 क्यूसेक पर सीमित कर दी है। दोनों राज्यों के बीच सतलुज-यमुना लिंक (एसवाईएल) नहर का मुद्दा भी सालों से विवाद का कारण बना हुआ है।
इस बढ़ते तनाव के बीच पंजाब सरकार ने शुक्रवार को सभी दलों की बैठक बुलाई, जिसमें सभी पार्टियों ने पानी के मुद्दे पर एकजुटता दिखाई। मुख्यमंत्री भगवंत मान की अगुवाई में पंजाब विधानसभा का विशेष सत्र भी सोमवार को बुलाया गया है। इस बैठक में यह भी चर्चा हुई कि सभी पार्टियों का एक प्रतिनिधिमंडल जल्द ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर सकता है।