नई दिल्ली/ढाका। वैध यात्रा दस्तावेज के साथ भारत में प्रवेश करने की कोशिश कर रहे इस्कॉन के दर्जनों सदस्यों को रविवार को बांग्लादेश के अधिकारियों ने बेनापोल सीमा से वापस भेज दिया। बेनापोल आव्रजन पुलिस के प्रभारी अधिकारी इम्तियाज अहसानुल कादिर भुइयां ने कहा कि हमने पुलिस की विशेष शाखा से परामर्श किया और उच्च अधिकारियों से निर्देश मिले कि उन्हें सीमा पार करने की अनुमति न दी जाए। भुइयां ने बताया कि इस्कॉन के सदस्यों के पास वैध पासपोर्ट और वीजा थे, लेकिन उनके पास यात्रा के लिए आवश्यक सरकारी अनुमति नहीं थी। विभिन्न जिलों से आए श्रद्धालुओं समेत 54 सदस्य शनिवार रात और रविवार सुबह जांच चौकी पर पहुंचे। हालांकि, अनुमति के लिए घंटों इंतजार करने के बाद उन्हें बताया गया कि उनकी यात्रा अधिकृत नहीं है।
इस्कॉन के एक सदस्य सौरभ तपंदर चेली ने कहा कि हम भारत में हो रहे एक धार्मिक समारोह में भाग लेने निकले थे, लेकिन आव्रजन अधिकारियों ने सरकारी अनुमति नहीं होने का हवाला देते हुए हमें रोक दिया। इस बीच, त्रिपुरा के परिवहन मंत्री सुशांत चौधरी ने आरोप लगाया कि अगरतला से कोलकाता जा रही एक बस पर बांग्लादेश में हमला किया गया। यह घटना बांग्लादेश के ब्राह्मणबारिया जिले के विश्व रोड पर हुई। चौधरी ने शनिवार को फेसबुक पर बस की तस्वीरें साझा करते हुए लिखा-त्रिपुरा से कोलकाता जा रही बस पर बांग्लादेश में हमला किया गया। बस अपनी लेन में चल रही थी, तभी एक ट्रक ने जानबूझकर उसे टक्कर मार दी। इस दौरान एक आटोरिक्शा बस के सामने आ गया।
बस और आटोरिक्शा की टक्कर हो गई। इस घटना के बाद स्थानीय लोगों ने बस में सवार भारतीय यात्रियों को धमकाना शुरू कर दिया। उन्होंने भारत विरोधी नारे भी लगाए और भारतीय यात्रियों के साथ दुर्व्यवहार किया तथा उन्हें जान से मारने की धमकी दी। बताते चलें, कोलकाता और अगरतला के बीच बसों का संचालन ढाका के रास्ते किया जाता है क्योंकि इससे सफर की दूरी आधी से भी कम हो जाती है। यह विमान यात्रा से सस्ती पड़ती है तथा असम के रास्ते ट्रेन से यात्रा करने की तुलना में इसमें कम समय लगता है। मुख्यमंत्री माणिक साहा ने कहा कि उन्हें बस पर हमले की सूचना मिली तथा वह इस बारे में ज्यादा जानकारी जुटाने का प्रयास कर रहे हैं।
भारतीय बस पर हमला, बांग्लादेश ने इस्कॉन के दर्जनों सदस्यों को भारत आने से रोका
