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भारतीय रेलवे का आधुनिकीकरण पर अहम फैसला

भारतीय रेलवे का आधुनिकीकरण पर अहम फैसला

नई दिल्ली: भारतीय रेलवे ने व्यवस्था में तकनीकी सहयोग बढ़ाने के लिए स्विट्जरलैंड के साथ हस्ताक्षारित मूल समझौता ज्ञापन को रिन्यू किया। जिसको लेकर जारी आधिकारिय बयान में कहा गया है कि मंगलवार को स्विस परिसंघ के संघीय पर्यावरण, परिवहन, ऊर्जा और संचार विभाग (डीईटीईसी) के साथ दोनों देशों के बीच तकनीकी सहयोग बढ़ाने के लिए समझौता ज्ञापन (एमओयू) को नवीनीकरण का रूप दिया गया। बता दें कि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से नवीनीकृत और औपचारिक रूप दिए गए एमओयू को रेलवे और विदेश मंत्रालयों से मंजूरी मिली है।
रेल मंत्रालय द्वारा जारी बयान के अनुसार एमओयू पर हस्ताक्षर समारोह को संबोधित करते हुए केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि यह भारतीय रेलवे को प्रौद्योगिकी साझाकरण, ट्रैक रखरखाव, प्रबंधन और निर्माण सहित विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग के लिए एक व्यापक ढांचा प्रदान करेगा। उन्होंने कहा कि यह एमओयू भारतीय रेलवे के आधुनिकीकरण के लिए सरकार की प्रतिबद्धता के अनुरूप भी है।
फेडरल काउंसिलर और फेडरल डीईटीईसी के प्रमुख अल्बर्ट रोस्टी ने कहा कि स्विट्जरलैंड की उन्नत रेलवे तकनीक परिचालन दक्षता, सुरक्षा मानकों, सेवा गुणवत्ता और रेलवे के बुनियादी ढांचे के विकास में सुधार करके भारतीय रेलवे को लाभान्वित करेगी। वहीं रेलवे मंत्रालय के द्वारा जारी बयान में आगे कहा गया है कि 31 अगस्त, 2017 को हस्ताक्षरित मूल समझौता ज्ञापन पांच साल के लिए वैध था और इसमें सहयोग के कई प्रमुख क्षेत्रों जैसे ट्रैक्शन रोलिंग स्टॉक, इलेक्ट्रिक मल्टीपल यूनिट्स (ईएमयू) और ट्रेन सेट, माल और यात्री कारों और टिल्टिंग ट्रेनों पर ध्यान केंद्रित किया गया था। इसके साथ ही इस साझेदारी से भारत में रेलवे सेवाओं की दक्षता और विश्वसनीयता बढ़ेगी, जिससे अंततः यात्रियों और माल ढुलाई संचालन दोनों को लाभ होगा। ध्यान देने वाली बात ये है कि स्विस कंपनियां मशीनरी, सामग्री और सुरंग निर्माण परामर्श सेवाएं प्रदान करेंगी बयान में कहा गया है।

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