नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली चयन समिति अगले सप्ताह की शुरुआत में अगले मुख्य निर्वाचन आयुक्त (सीईसी) के नाम को अंतिम रूप देने के लिए बैठक करेगी। समिति में लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी शामिल हैं। मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार के 18 फरवरी को सेवानिवृत्त होने से पहले समिति की बैठक सोमवार को प्रधानमंत्री के आधिकारिक निवास पर होगी।
कानून के अनुसार, सीईसी और ईसी की नियुक्ति प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली एक चयन समिति की सिफारिश पर राष्ट्रपति द्वारा की जाएगी। सीईसी और अन्य चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति उन व्यक्तियों में से की जाएगी जो भारत सरकार के सचिव के पद के बराबर पद पर हैं या उसे धारण कर चुके हैं। चयन समिति उम्मीदवारों में से एक नाम की सिफारिश करेगी। इस सिफारिश के आधार पर राष्ट्रपति अगले सीईसी की नियुक्ति करेंगी।
राजीव कुमार के बाद ज्ञानेश कुमार सबसे वरिष्ठ निर्वाचन आयुक्त हैं। उनका कार्यकाल 26 जनवरी, 2029 तक है। सुखबीर सिंह संधू दूसरे निर्वाचन आयुक्त हैं। अब तक वरिष्ठतम निर्वाचन आयुक्त (ईसी) को मौजूदा सीईसी की सेवानिवृत्ति के बाद सीईसी के रूप में पदोन्नत किया जाता रहा है। पिछले साल सीईसी और ईसी की नियुक्तियों पर एक नया कानून लागू होने के बाद चयन समिति पांच सचिव स्तर के अधिकारियों के नामों को छांटती है और उनकी नियुक्ति के लिए प्रधानमंत्री की अगुवाई वाली समिति विचार करती है। सीईसी के अलावा, राजीव कुमार की सेवानिवृत्ति से पैदा रिक्ति को भरने के लिए एक नया ईसी भी नियुक्त किया जा सकता है। ‘मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्त (नियुक्ति, सेवा की शर्तें और कार्यकाल) अधिनियम, 2023’ के प्रविधानों को पहली बार सीईसी नियुक्त करने के लिए लागू किया जा रहा है।