नई दिल्ली। ब्रिटिश-भारतीय फिल्म निर्देशक संध्या सूरी ने ‘द गार्जियन’ को दिए इंटरव्यू में दावा किया है कि उनकी फिल्म ‘संतोष’ को भारत में रिलीज की मंजूरी नहीं मिली है। उन्होंने जानकारी दी कि सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन (सीबीएफसी) ने इस फिल्म के कई सीन पर आपत्ति जताई है। फिल्म में भारतीय पुलिस की क्रूरता और समाज के काले सच को दिखाया गया। यह फिल्म दुनियाभर में तारीफें बटोर चुकी है।
उत्तर भारत की पृष्ठभूमि पर बनी ‘संतोष’ एक विधवा औरत की कहानी है, जो पुलिस फोर्स जॉइन करती है। वह एक दलित लड़की की हत्या की गुत्थी सुलझाने में जुटती है। फिल्म में पुलिस को महिला विरोध, दलितों पर अत्याचार और मुस्लिमों के खिलाफ नफरत करने वाले के रूप में चित्रित किया गया है। वहीं, फिल्म में निचली जाति की महिलाओं पर होने वाली हिंसा को भी दिखाया गया है। ‘संतोष’ ने कान फिल्म फेस्टिवल में सबका ध्यान खींचा था। यूके ने इसे ऑस्कर के लिए भेजा और बाफ्टा में इसे बेस्ट डेब्यू फीचर का नॉमिनेशन भी मिला था। वहीं, शाहाना गोस्वामी को इस फिल्म के बेस्ट एक्ट्रेस का एशियन फिल्म अवॉर्ड भी मिल चुका है। हिंदी में बनी यह फिल्म भारतीय कास्ट के साथ भारत में ही शूट हुई है। संध्या सूरी ने ‘द गार्जियन’ से कहा कि सीबीएफसी ने फिल्म को मंजूरी नहीं दी। बोर्ड को पुलिस की नकारात्मक छवि से दिक्कत है। उनके मुताबिक सेंसर ने फिल्म को लेकर अनोखी डिमांड की। सूरी ने कहा, “सेंसर ने इतने कट्स मांगे कि फिल्म का मतलब ही खत्म हो जाता।” निर्देशक ने सेंसर बोर्ड के इस कदम को निराशाजनक और दिल तोड़ने वाला करार दिया है। उनके मुताबिक ये मुद्दे भारतीय सिनेमा में नए नहीं हैं, फिर भी उनकी इस फिल्म पर रोक लगा दी गई।
यूके से ऑस्कर में भेजी गई फिल्म ‘संतोष’, भारत में बैन
