हिमाचल में भारी बारिश, पांच की मौत, मणिमहेश यात्रा रोकी

शिमला/धर्मशाला। हिमाचल प्रदेश में मंगलवार को ऊना, चंबा, कुल्लू, मंडी, कांगड़ा और बिलासपुर, सोलन, हमीरपुर में स्कूल बंद रखने के आदेश जारी किए गए हैं। प्रदेश में जारी भारी बारिश के बीच रविवार और सोमवार को 47 पक्के और 98 कच्चे मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं।
हिमाचल प्रदेश में मौसम विभाग के रेड अलर्ट के बीच सोमवार को कांगड़ा, बिलासपुर, कुल्लू, हमीरपुर, मंडी में भारी बारिश हुई। बारिश-भूस्खलन के चलते कई जगह भारी नुकसान हुआ है। मणिमहेश यात्रा पर गए पंजाब के चार श्रद्धालुओं की मौत हो गई है। प्रशासन ने यात्रा पर अनिश्चितकाल के लिए रोक लगा दी है। दो हजार से ज्यादा श्रद्धालु अभी भी बीच रास्ते में फंसे हुए हैं। हालांकि, सभी सुरक्षित स्थानों पर हैं। वहीं, नूरपुर में डडवाड़ा गांव का गुरुदेव सिंह (72) की खड्ड में बहने से मौत हो गई। प्रदेश की ऊंची चोटियों शिंकुला दर्रा, कुगती जोत, बारालाचा में 10 से 20 सेंमी तक बर्फबारी हुई है।
खराब मौसम को देखते हुए मंगलवार को ऊना, चंबा, कुल्लू, मंडी, कांगड़ा और बिलासपुर, सोलन, हमीरपुर में स्कूल बंद रखने के आदेश जारी किए गए हैं। बारिश-भूस्खलन के चलते आनी-कुल्लू, मंडी-कुल्लू, मंडी-पठानकोट, जालंधर-मंडी और भरमौर-पठानकोट हाईवे समेत प्रदेश में 793 सड़कें बंद हो गई हैं। इसके साथ ही 956 ट्रांसफार्मर और 517 पेयजल योजनाएं ठप हैं। इस बीच, मौसम विभाग ने मंगलवार को चंबा और कांगड़ा में रेड और कुल्लू-मंडी जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। वहीं, हमीरपुर, बिलासपुर और ऊना में येलो अलर्ट रहेगा।
भूस्खलन के चलते बहुमंजिला मकान खतरे की जद में आ गया है। कालका-शिमला नेशनल हाईवे सनवारा के समीप पहाड़ी से मलबा और पत्थर गिरने से कई घंटे तक बाधित रहा। बिलासपुर में किरतपुर-मनाली फोरलेन भूस्खलन से कई घंटे बंद रहा। मरोतन में मलबे की चपेट में आने से दो कारें बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गईं। वहीं, पहाड़ से गिरे पत्थर की चपेट में वोल्वो के चपेट में आने से पांच सवारियों को मामूली चोटें आई हैं। मंडी में रविवार रात को किरतपुर-मनाली हाईवे बंद होने से हनोगी टनल और रैंसनाला टनल के भीतर करीब 300 गाड़ियां फंसी रहीं।
सुंदरनगर के भनवाड़ में बारिश के चलते एक गोशाला गिर गई है। सराज की पंचायत तांदी के लाछ और गाता गांवों में जमीन धंसने से 15 मकानों को खतरा हो गया है। चार मकानों को खाली करवाया गया है। चंडीगढ़-मनाली राष्ट्रीय राजमार्ग 13 घंटे बाद बहाल हो पाया है। चंबा में रविवार रात जोत मार्ग पर 100 से अधिक वाहन फंसे रहे। चंबा-भरमौर मार्ग पर भूस्खलन से जम्मू-कश्मीर और पंजाब के श्रद्धालुओं के कई वाहन रविवार रात को फंसे रहे। कई घंटे तक कोई मदद न मिलने पर श्रद्धालुओं ने सरकार और डीसी चंबा के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी।
मणिमहेश यात्रा पर गए पंजाब के चार श्रद्धालुओं की खराब मौसम के बीच मौत हो गई। इनमें पठानकोट के जिला सुजानपुर के अमन (18), पठानकोट के रोहित (18) और अनमोल (26) निवासी गुरदासपुर शामिल हैं। एक अन्य की पहचान नहीं हुई है। इसी बीच, प्रशासन के आगामी आदेशों तक मणिमहेश यात्रा पर रोक लगा दी है। एसडीएम अपने क्षेत्र में मणिमहेश जाने वाले यात्रियों को रोकेंगे। बीडीओ भरमौर, मैहला, चंबा व भटियात रास्ते में फंसे यात्रियों के रहने की व्यवस्था करेंगे। जम्मू, डोडा, किश्तवाड़ और कांगड़ा जिलों के डीसी और एसपी को भी यात्रियों को नहीं भेजने के लिए सूचित किया गया है।
कुल्लू में शास्त्रीनगर में नाले का जलस्तर बढ़ने से पानी दुकानों में घुस गया। भुंतर के खोखन नाले में बाढ़ आने से मलबा सड़क पर आ गया है। ब्यास के साथ सरवरी खड्ड, तीर्थन नदी, पार्वती नदी, पिन पार्वती नदी सहित तमाम नालों के हालत बाढ़ जैसे बने हुए हैं। ऊना जिले में रविवार से लेकर सोमवार को दिनभर मूसलाधार बारिश जारी रही। अबादा वराना स्कूल के भवन में साथ लगती पहाड़ी का मलबा घुस गया। प्रशासन ने स्कूल 28 अगस्त तक बंद करने के आदेश दिए हैं। वहीं, अंब उपमंडल के थड़ा में पहाड़ी दरकने से सरकारी स्कूल अध्यापक मलबे की चपेट में आ गए।
टकारला पंचायत के वार्ड-4, साधा दा चौ में भारी बारिश से पहाड़ी दरककर मलबा मकान पर आ गिरा। हादसे में 13 वर्षीय वनीत घायल हो गया। कांगड़ा में सोमवार को गगल एयरपोर्ट पर एक भी उड़ान नहीं पहुंची। भूस्खलन से रप्पड़ पंचायत में गोशाला भारी मलबे में जमींदोज होने से तीन मवेशी जिंदा दफन हो गए। गंगथ पंचायत वार्ड-5 में पानी घरों में घुस गया। डमटाल डाह-कुलाड़ा-इंदौरा-पठानकोट मार्ग पर मलोट गांव में पुली टूट जाने के कारण यातायात पूरी तरह से अवरुद्ध है। पिछले 24 घंटे में कांगड़ा में 19 मकान, पांच गोशालाएं और दो रसोई घरों को बारिश-भूस्खलन से नुकसान पहुंचा है। हमीरपुर में शुकर खड्ड में अधिक पानी होने के कारण 20 साल का प्रवासी खड्ड के बीच फंस गया। व्यक्ति को रेस्क्यू टीम ने निकाला।
प्रदेश में जारी भारी बारिश के बीच रविवार और सोमवार को 47 पक्के और 98 कच्चे मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं। 79 दुकानों और 91 गोशालाओं को भी नुकसान पहुंचा है। प्रदेश में जारी बारिश के बीच मानसून सीजन के दौरान अभी तक कुल 2394 करोड़ रुपये की संपत्ति का नुकसान हो चुका है। प्रदेश में इस मानसून सीजन में 20 जून से 25 अगस्त तक 306 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है। 367 लोग घायल हुए हैं। 38 लोग अभी लापता हैं। इस दौरान 150 लोगों की सड़क हादसों में मौत हुई है। बादल फटने, भूस्खलन, बाढ़ से अब तक 3,656 कच्चे-पक्के घरों, दुकानों को क्षति हुई है। 2,819 गोशालाएं भी क्षतिग्रस्त हुई हैं। 1,843 पालतु पशुओं की मौत हुई है।

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