नई दिल्ली। ऑपरेशन सिंदूर पर भाजपा की तिरंगा यात्रा चल रही है और कांग्रेस ने जय हिंद सभा का आयोजन शुरू कर दिया है। इसी बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अगुवाई में रविवार को हुई राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों और उपमुख्यमंत्रियों की बैठक में जातिवार गणना और ऑपरेशन सिंदूर के फैसले को लेकर पीएम मोदी के नेतृत्व क्षमता, साहस और दूरदर्शिता को जमकर सराहा। इस मीटिंग ने एनडीए नेताओं ने ऑपरेशन सिंदूर से जुड़े तथ्यों पर गैर-जरूरी बयानबाजी से बचने के निर्देश दिए हैं।
समूचे गठबंधन ने उनके फैसलों के साथ पूरी ताकत से खड़ा रहने और उसे आगे बढ़ाने का संकल्प भी किया। राजग नेताओं ने इसे लेकर राजनीतिक प्रस्ताव भी पारित किए। संकेत साफ है कि भावी राजनीति भी जातीय गणना और ऑपरेशन सिंदूर पर केंद्रित रहेगी। वैसे भी आने वाले दिनों में बिहार, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में विधानसभा चुनाव होने है। ऐसे में राजग ने अपने मुद्दे और दृष्टिकोण दोनों ही साफ कर दिए है।
विपक्ष की ओर से पहले ही जाति गणना पर श्रेय लेने की कोशिश हो रही है। पीएम मोदी ने इस मौके पर राजग शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों व उपमुख्यमंत्रियों की संबोधित भी किया। कहा कि हम सभी का लक्ष्य विकसित, सशक्त व आत्मनिर्भर भारत का है। ऐसे में हम सभी लोगों की यह जिम्मेदारी है कि हम अपने राज्यों में इसे दिशा में तेजी से काम करें।
बैठक की जानकारी देते हुए भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने बताया कि जातिवार गणना के फैसले पर पूरे राजग ने खुशी जताई है। हमने भी कहा है कि जाति गणना को लेकर हमारी कल्पना शुरू से रही है। हम जातिगत राजनीति नहीं करते है लेकिन समाज के ऐसे पीडि़त और पिछड़े वर्ग को हम मुख्यधारा में लाना चाहते है जो विकास की दौड़ में पीछे छूट गए है। इस पहल के जरिए वह इस दिशा में आगे बढ़ रहे है।
उन्होंने बताया कि जातिवार गणना को लेकर प्रस्ताव हरियाणा के मुख्यमंत्री नायाब सिंह सैनी ने लाया था, जिसका अनुमोदन आंध्र प्रदेश के उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण ने किया। सभी ने एक स्वर में पीएम मोदी और राजग सरकार के फैसले का समर्थन किया। ऑपरेशन सिंदूर पर एक प्रस्ताव राजस्थान के मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने लाया, जिसका अनुमोदन महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री व शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे ने किया।
प्रस्ताव में सेना के शौर्य को सराहा गया और साथ ही इस फैसले के लिए पीएम का भी अभिनंदन किया गया। दिल्ली में करीब चार घंटे चली इस बैठक में इसके अतिरिक्त नक्सलियों के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान की सफलता और मुख्य धारा में लौटने वाले नक्सलियों के लिए चलाए जा रहे पुनर्वास कार्यक्रम की जानकारी दी गई है।
इस दौरान गृह मंत्री अमित शाह की अगुवाई में इसके सफाए के लिए बनाई गई रणनीति पर भी चर्चा हुई। इसे लेकर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने प्रस्तुति दी।बैठक में जो अन्य अहम फैसले लिए गए है, उनमें से कांग्रेस को घेरने के लिए आपातकाल के 50 साल पूरे होने पर इसे बड़े स्तर पर लोकतंत्र बचाओ अभियान के रूप में मनाने, नौ जून को केंद्र की राजग सरकार के 11 साल पूरे होने पर भव्य जश्न और 11 सालों के कामों को लोगों तक पहुंचाने के लिए अभियान चलाने का भी फैसला लिया गया।
इसके साथ ही विश्व पर्यावरण दिवस और योग दिवस को भी हर बार की भव्य तरीके से मनाने और मुख्यमंत्रियों से व्यक्तिगत जुड़ाव रखने के निर्देश दिए गए। बैठक में केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, स्वास्थ्य मंत्री व भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा समेत 19 राज्यों के मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री शामिल थे।
‘ऑपरेशन सिंदूर पर बयानबाजी से बचें’, NDA की बैठक में पीएम मोदी ने बीजेपी नेताओं को दी नसीहत
