नई दिल्ली: भारतीय सेना की ताकत और बढ़ने वाली है। रक्षा मंत्रालय की तरफ से जल्द ही सतह से हवा में मार करने वाली 30,000 करोड़ रुपये की वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली को मंजूरी मिलने की उम्मीद है। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत के पास पहले से ही मौजूद वायु रक्षा प्रणाली ने सफलतापूर्वक पाकिस्तान के ड्रोन और मिसाइल हमलों को नाकाम किया था।
रक्षा से जुड़े अधिकारियों ने बताया कि इस महीने के चौथे हफ्ते में रक्षा मंत्रालय सेना के लिए सतह से हवा में मार करने वाले स्वदेशी त्वरित प्रतिक्रिया मिसाइल प्रणाली (क्यूआरएसएएम) की तीन रेजिमेंट खरीदने के प्रस्ताव पर विचार करने वाला है। इस रक्षा प्रणाली की पाकिस्तान से लगती पश्चिमी और चीन से लगती उत्तरी दोनों सीमाओं पर तैनाती की जाएगी। रक्षा मंत्रालय के तहत आने वाले रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने इस मिसाइल प्रणाली को विकसित किया है। यह अत्यधिक गतिशील हैं, क्योंकि इसमें गतिशील लक्ष्यों को खोजने, ट्रैक करने और बहुत कम समय में उन्हें भेदने की क्षमता है।
नई प्रणाली की मारक क्षमता 30 किलोमीटर है। यह प्रणाली, लघु से मध्यम दूरी तक मार करने वाली एमआरएसएएम और आकाश जैसी सेनाओं की मौजूदा प्रणालियों की पूरक होगी। परीक्षणों के दौरान मिसाइल प्रणाली के प्रदर्शन का दिन और रात दोनों परिचालन परिदृश्यों में व्यापक मूल्यांकन किया गया है।
सेना की बढ़ेगी ताकत, जल्द मिलेगी 30000 करोड़ रुपये की वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली
