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विभिन्न राज्यों की सांस्कृतिक विरासत को समझने और बढ़ावा देने का अवसर है स्थापना दिवस: राज्यपाल

विभिन्न राज्यों की सांस्कृतिक विरासत को समझने और बढ़ावा देने का अवसर है स्थापना दिवस: राज्यपाल

देहरादून। राजभवन में हिमाचल प्रदेश का स्थापना दिवस विभिन्न सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के साथ हर्षोलास के साथ मनाया गया। देहरादून स्थित संस्थानों में अध्ययनरत हिमाचल राज्य के छात्र-छात्राओं सहित शिक्षकगण उपस्थित रहे। इस दौरान छात्र-छात्राओं ने पारंपरिक वेशभूषा में मनमोहक सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए जिसमें हिमाचल की समृद्ध लोक संस्कृति की झलक देखने को मिली। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से.नि.) ने सभी को स्थापना दिवस की शुभकामनाएं भी दीं।

राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने कार्यक्रम में प्रतिभाग करते हुए सभी को हिमाचल प्रदेश स्थापना दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं दीं। उन्होंने हिमाचल प्रदेश के गौरवशाली इतिहास और सांस्कृतिक विरासत की सराहना करते हुए कहा कि हिमाचल और उत्तराखण्ड न केवल भौगोलिक रूप से, बल्कि सांस्कृतिक, आध्यात्मिक और प्राकृतिक दृष्टि से भी एक-दूसरे के निकट हैं। दोनों राज्यों को ‘देवभूमि’ कहा जाता है और दोनों ही राज्यों को प्रकृति का अनुपम वरदान प्राप्त है।

राज्यपाल ने कहा कि राज्यों के स्थापना दिवस मनाने से हमें विभिन्न राज्यों की सांस्कृतिक विरासत को समझने और बढ़ावा देने का अवसर मिलता है। ऐसे आयोजन देश की एकता और अखंडता के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं और राज्यों के बीच आपसी एवं सांस्कृतिक मेलजोल होता है जो की अत्यंत महत्वपूर्ण है, और एक समृद्ध एवं अद्वितीय राष्ट्र के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

इस कार्यक्रम में अपर सचिव राज्यपाल स्वाति एस. भदौरिया, वित्त नियंत्रक डॉ. तृप्ति श्रीवास्तव, एसजीआरआर विश्वविद्यालय की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. अनुजा रोहिला तथा असि. प्रो. डॉ. बिजेंद्र सिंह सहित एसजीआरआर के छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।

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