इस्लामाबाद: अमेरिका के नकेल कसने के बाद पाकिस्तान तिलमिला गया है। पाकिस्तान ने शुक्रवार को दावा किया कि उसने आतंकवादी नेटवर्क को खत्म कर दिया है। पाकिस्तान ने यह भी कहा कि जम्मू-कश्मीर में हुए पहलगाम आतंकी हमले का संबंध लश्कर-ए-तैयबा (LeT) से जोड़ना सही नहीं है, क्योंकि यह संगठन अब सक्रिय नहीं है।
पाकिस्तान का यह बयान ऐसे समय में आया है, जब अमेरिका ने पहलगाम हमले के लिए पाकिस्तान में मौजूद आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा की प्रॉक्सी विंग (मुखौटा शाखा) द रजिस्टेंस फ्रंट (TRF) को ‘विदेशी आतंकी संगठन’ और ‘वैश्विक आतंकी’ घोषित किया है।
विदेश मंत्रालय ने बयान में कहा गया है, ‘पाकिस्तान ने संबंधित आतंकवादी संगठनों को प्रभावी और व्यापक रूप से ध्वस्त कर दिया है। उनके नेताओं को गिरफ्तार किया गया है, और उन पर मुकदमा चलाया गया है। उनके सदस्यों को कट्टरपंथी विचारधारा से मुक्त किया गया है।’
विदेश मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि पहलगाम हमले की जांच अब भी पूरी नहीं हुई है। पाकिस्तान में प्रतिबंधित और निष्क्रिय संगठन लश्कर-ए-तैयबा को इससे जोड़ना सच्चाई के खिलाफ है। बयान में कहा गया है कि पाकिस्तान सभी रूपों और अभिव्यक्तियों में आतंकवाद की निंदा करता है, और आतंकवाद के प्रति जीरो टॉलरेंस का रुख रखता है। पाकिस्तान ने यह भी कहा कि आतंकवाद के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सहयोग करना उसकी नीति का आधार है।
अमेरिका द्वारा लश्कर-ए-तैयबा (LeT) से जुड़े समूह द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) को वैश्विक आतंकवादी संगठन घोषित किए जाने के बाद अब चीन भी आतंकवाद से मिलकर लड़ने की बात कह रहा है। चीन ने कहा है कि क्षेत्रीय देशों को एकजुट होकर आतंकवाद से लड़ना चाहिए और सुरक्षा बनाए रखनी चाहिए। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने शुक्रवार को कहा, ‘हम सभी तरह के आतंकवाद का विरोध करते हैं और 22 अप्रैल को हुए पहलगाम हमले की निंदा करते हैं। उन्होंने कहा कि चीन चाहता है कि क्षेत्रीय देश आपस में मिलकर आतंकवाद के खिलाफ सहयोग करें और मिलकर क्षेत्र की सुरक्षा और स्थिरता बनाए रखें।’
इससे पहले, अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने गुरुवार को टीआरएफ को वैश्विक आतंकी संगठन घोषित करते हुए कहा कि पहलगाम आतंकी हमला 2008 के मुंबई हमलों के बाद भारत में नागरिकों पर हुआ सबसे बड़ा आतंकी हमला था। उन्होंने यह भी कहा कि यह कार्रवाई अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा, आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई, और भारत के साथ सहयोग का सबूत है। गौरतलब है कि ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ (टीआरएफ) ने ही पहलगाम आतंकी हमले की जिम्मेदारी ली थी। टीआरएफ के प्रमुख शेख सज्जाद गुल को भारत की राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने पहलगाम हमले का मास्टरमाइंड बताया है। टीआरएफ पाकिस्तान के आतंकी संगठन ‘लश्कर-ए-तैयबा’ की प्रॉक्सी विंग (मुखौटा शाखा) है। कई वर्षों से टीआरएफ, जम्मू कश्मीर में आतंकी हमलों को अंजाम दे रहा है। खासतौर पर, जम्मू कश्मीर में सुरक्षा बलों पर हमले और टारगेट किलिंग, ये टीआरएफ की रणनीति का हिस्सा रहा है। गैर-कश्मीरी नागरिक खासतौर पर टीआरएफ के निशाने पर रहते हैं।
अमेरिका का विदेश विभाग किसी संगठन की गतिविधियों को देखते हुए उसे विदेशी आतंकी संगठन (एफटीओ) घोषित करता है। एफटीओ के जरिए आतंकी संगठन के वित्तपोषण पर रोक लगाई जाती है। इसके अलावा अब कोई भी व्यक्ति इस संगठन को चंदा या किसी भी तरह की मदद नहीं दे पाएगा। साथ ही अमेरिका द्वारा अन्य देशों से भी उस संगठन के खिलाफ कार्रवाई की अपील की जाती है। जिस संगठन को विदेशी आतंकी संगठन घोषित किया गया है, वह 30 दिनों के भीतर अमेरिका की अदालत में अपील कर सकता है। हर दो साल बाद अमेरिकी सरकार एफटीओ की समीक्षा करती है।