नई दिल्ली। अमेरिका के उद्योग और सुरक्षा ब्यूरो (बीआईए) ने बुधवार को घोषणा की कि उसने अपनी प्रतिबंध वाली सूची से तीन भारतीय इकाइयों को हटा लिया है, जबकि इसी समय उसने राष्ट्रीय सुरक्षा चिंताओं का हवाला देते हुए 11 चीनी इकाइयों को इस सूची में जोड़ दिया है। इसके साथ ही उसने कहा कि यह कदम एक स्पष्ट संदेश है कि चीनी सैन्य आधुनिकीकरण का समर्थन करने के परिणाम भुगतने होंगे।
जिन इकाइयों से प्रतिबंध हटाया गया है, उनमें इंडियन रेयर अर्थ्स, इंदिरा गांधी परमाणु अनुसंधान केंद्र (आईजीसीएआर) और भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र (बार्क) शामिल हैं। ये तीनों संस्थान भारत में परमाणु ऊर्जा विभाग के अंतर्गत आते हैं। इसका काम देश के परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में किए जाने वाले कार्यों की देखरेख करना है।
अमेरिकी वाणिज्य विभाग के उद्योग और सुरक्षा ब्यूरो की ओर से कहा गया है कि इस निर्णय का उद्देश्य संयुक्त अनुसंधान और विकास तथा विज्ञान और प्रौद्योगिकी सहयोग सहित उन्नत ऊर्जा सहयोग में बाधाओं को कम करके अमेरिकी विदेश नीति के उद्देश्यों का समर्थन करना है, जो साझा ऊर्जा सुरक्षा आवश्यकताओं और लक्ष्यों की ओर ले जाएगा।
बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, दिल्ली में अपने हालिया संबोधन के दौरान कहा था कि कुछ भारतीय संस्थानों को परमाणु तकनीक तक पहुंच से प्रतिबंधित सूची से हटाया जाएगा।
बीआईएस के उद्योग और सुरक्षा विभाग के अधिकारी एलन एफ एस्टेवेज ने कहा, प्रतिबंधित की गई इकाईयों की सूची एक शक्तिशाली उपकरण है, जिसका इस्तेमाल राष्ट्रीय सुरक्षा और वैश्विक सहयोग को बढ़ावा देने के लिए किया जा सकता है। इन परिवर्तनों के जरिए हमने स्पष्ट कर दिया है कि पीआरसी (चीन) के सैन्य आधुनिकीकरण का समर्थन करने पर परिणाम भुगतने पड़ेंगे, जबकि अमेरिका के साथ काम करने पर प्रोत्साहन मिलेगा।
अमेरिका ने तीन भारतीय परमाणु इकाइयों पर लगाए गए प्रतिबंधों को हटाया
