इस्राइल ने गाजा पर किया घातक हवाई हमला, 15 लोगों की मौत; महिलाएं और बच्चे भी बने शिकार

गाजा: इस्राइल और हमास के बीच चल रहा संघर्ष दिन-प्रतिदिन और घातक होता हुआ जा रहा है। जहां रविवार को एक बार फिर इस्राइल ने गाजा पर घातक हवाई हमला किया। इस हमले में गाजा के 15 लोगों की मौत हो गई है। मारे गए लोगों में महिलाएं और बच्चे भी शामिल है। मामले में नासिर अस्पताल ने जानकारी देते हुए बताया कि दक्षिणी गाजा के खान यौनीस शहर में दो हवाई हमलों में दो बच्चे और उनके माता-पिता की मौत हो गई। इसके अलावा, गाजा सिटी के एक इलाके में एक आदमी और उसके बच्चे की मौत हो गई, जबकि अन्य स्थानों पर कुल मिलाकर सात लोग मारे गए।
वहीं इस हमले को लेकर इस्राइली सेना ने कहा कि वह केवल आतंकवादियों को निशाना बनाती है और नागरिकों को नुकसान से बचने की कोशिश करती है। उनका कहना है कि हताहत होने वाली नागरिकों की मौत के लिए हमास जिम्मेदार है क्योंकि वे नागरिक इलाकों में छुपकर रहते हैं। इस हमले पर अभी तक इस्राइल की कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
इसके साथ ही इस्राइल रक्षा बल (आईडीएफ) की नाहल इन्फैंट्री ब्रिगेड ने पिछले तीन महीनों से यहूदिया और सामरिया में चलाए गए विशेष अभियान के दौरान 100 से अधिक वांछित आतंकवादियों को गिरफ्तार किया है। इस दौरान आईडीएफ ने कई आतंकवादियों को मार गिराया और हथियार का जखीरा भी बरामद किया। आईडीएफ ने कहा, ये आतंकी इस्राइली सेना और इस्राइली नागरिकों के लिए खतरा थे।
वहीं दूसरी ओर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इस सप्ताह सऊदी अरब, कतर और संयुक्त अरब अमीरात का दौरा करेंगे, लेकिन इस्राइल का दौरा नहीं करेंगे। बता दें कि इस्राइल और हमास के बीच चल रहे संघर्ष में अब तक 52,800 से ज्यादा फलस्तीनी मारे जा चुके हैं। गाजा के विशाल क्षेत्रों को नष्ट कर दिया गया है और करीब 90 प्रतिशत आबादी विस्थापित हो चुकी है। वहीं एक अलग घटनाक्रम में, इस्राइल ने 1982 में लेबनान में मारे गए एक सैनिक त्जवी फेल्डमैन के अवशेष बरामद किए हैं, जिन्हें चार दशकों से लापता माना जा रहा था।
गौरतलब है कि बीते दिनों इस्राइल ने गाजा पर अपना सैन्य अभियान और तेज करने की योजना को मंजूरी दी है। इस योजना में गाजा के बड़े हिस्से पर कब्जा, लोगों को जबरन दक्षिण गाजा की ओर भेजना, और सहायता वितरण पर नियंत्रण हासिल करना शामिल है। इसमें निजी सुरक्षा एजेंसियों की मदद लेने की बात भी शामिल है। इस योजना को लागू करने के लिए इस्राइल हजारों रिजर्व सैनिकों को बुला रहा है। हालांकि, यह योजना अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के इस महीने के अंत में क्षेत्रीय दौरे के बाद ही लागू की जाएगी।

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