कर्क रेखा (Tropic of Cancer): जून के महीने में पूरा भारत गर्मी से बुरी तरह झुलस रहा है। ऐसे में कर्क रेखा के पास से गुजरने वाले आठ राज्य भी जला देने वाली गर्मी से पीड़ित हैं। दरअसल कर्क रेखा पर पड़ने वाली जगहों पर जलवायु गर्म और शुष्क होती है। कर्क रेखा पर पड़ने वाली जगहों पर चिलचिलाती गर्मी और गर्म सर्दियां होती हैं। आप जानते ही होंगे कि कर्क रेखा 23°30′ उत्तरी अक्षांश पर स्थित है। इसे भूमध्य रेखा के समानांतर एक काल्पनिक रेखा भी कहा जाता है। 21 जून को सूर्य भी इस रेखा पर सीधा चमकता है, यही कारण है कि इन इलाकों में साल का सबसे लंबा दिन होता है।
इन आठ राज्यों से होकर गुजरती है कर्क रेखा
गुजरात, राजस्थान, मध्य प्रदेश, छतीसगढ, झारखंड, पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा, मिजोरम
यह हैं कर्क रेखा के आसपास के क्षेत्रों में गर्मी के कारण हैं
दिन की अवधि
जून के महीने में कर्क रेखा के आसपास के क्षेत्रों में दिन, रात से काफी लंबे होते हैं। यानि कि धरती के पास सूर्य के प्रकाश और उसकी ऊष्मा को ऐब्सॉर्ब करने के लिए समय अधिक होता है।
सूर्य का विकिरण
कर्क रेखा (Tropic of Cancer) के पास, सूर्य की किरणें पृथ्वी की सतह पर सीधे पड़ती हैं। यानि कि वे कम दूरी तय करते हुए अधिक ऊर्जा जमा करती है। इससे तापमान में वृद्धि होती है।
महासागरीय धाराओं का प्रभाव
कर्क रेखा के पास ही गर्म महासागरीय धाराएं भी बहती हैं। ये धाराएं अपने साथ गर्म पानी लाती हैं, जो हवा को गर्म करती हैं और तापमान में वृद्धि करती हैं।
हवाओं का प्रभाव
कर्क रेखा वाले इलाकों में, शुष्क हवाएं चलती हैं। ये हवाएं नमी को कम करती हैं, जिससे वाष्पीकरण बढ़ जाता है और सतह का तापमान और भी अधिक बढ़ जाता है।
वायुमंडलीय दबाव
आपको बता दें कि कर्क रेखा के ऊपर, वायुमंडलीय दबाव कम होता है। कम दबाव वाला वायुमंडल, गर्मी को अधिक ऊंचाई तक जाने देता है, जिससे सतह का तापमान बढ़ जाता है।
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