शिमला। 250 करोड़ के छात्रवृत्ति घोटाले को लेकर 50 लाख से कम की छात्रवृत्ति लेने वाले संस्थानों की सीबीआइ और ईडी ने जांच शुरू कर दी है। इस संबंध में अभी तक 20 संस्थानों के 105 आरोपियों के खिलाफ सीबीआइ चार्जशीट दाखिल कर चुकी है। जबकि ईडी ने 30 करोड़ की संपत्ति को जब्त किया है। इस संबंध में ईडी ने दो चार्जशीट दाखिल की है।
इस मामले में अन्य जो संस्थान शामिल होंगे उनके खिलाफ सप्लीमेंटरी चार्जशीट दाखिल की जाएगी।सीबीआइ छात्रवृत्ति घोटाले को लेकर 11 निजी संस्थानों के खिलाफ जांच कर रही है।इस जांच के दौरान सीबीआइ को अनियमितताएं मिली हैं। ऐसे में इन संस्थानों के खिलाफ जल्द मामले दर्ज हो सकते हैं।
प्रवर्तन निदेशालय ईडी शिमला ने बीते छह मई को हिमाचल प्रदेश छात्रवृत्ति घोटाले के मामले में धन शोधन निवारण अधिनियम के प्रावधानों के तहत विशेष न्यायालय (पीएमएलए), शिमला के समक्ष दो पूरक अभियोजन शिकायतें (एसपीसी) दायर की हैं। मां सरस्वती एजुकेशनल ट्रस्ट और पांच अन्य आरोपियों के खिलाफ ये दायर की गई है।
जबकि दूसरी आइटीएफटी कंसल्टेंसी प्राइवेट लिमिटेड और 5 अन्य आरोपियों के खिलाफ दायर की गई है। ईडी की जांच में ये बात सामने आई है कि इन संस्थानों ने उन छात्रों के विवरणों को सत्यापित करके धोखाधड़ी से छात्रवृत्ति राशि प्राप्त की थी, जो इन संस्थानों के साथ किसी भी पाठ्यक्रम में नामांकित नहीं थे। जो छात्र अपनी पढ़ाई पूरी किए बिना संस्थान छोड़ गए थे। इसके अलावा, धोखाधड़ी से छात्रवृत्ति राशि की अधिक राशि प्राप्त करने के लिए, छात्रों के झूठे विवरण एचपी-ई पास पोर्टल (डीओएचई, शिमला के छात्रवृत्ति पोर्टल) पर बाद के वर्षों में छात्रों की जाति श्रेणी को धोखाधड़ी से बदलकर अपलोड किए गए थे।
हिमाचल में 50 लाख से कम छात्रवृत्ति पाने वाले संस्थानों की जांच तेज, CBI-ED ने दाखिल की चार्जशीट
